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    बच्चों के दांतों को टेढ़े-मेढ़े होने से बचाने के लिए किन बातों का रखें खास ध्यान ?

    टेढ़े-मेढ़े दांत चाहें हो बच्चों के या बड़ो के दोनों के चेहरे की सुंदरता को बिगाड़ने में ये एहम भूमिका निभाते है, इसलिए जरूरी है की बचपन में ही ध्यान दें दिया जाए की बच्चो के दांत कैसे निकल रहें है ताकि दांतों के टेढ़ेपन की समस्या से उनका बचाव किया जा सकें, तो चलिए जानते है की टेढ़े-मेढे दांतों से बच्चों का बचाव कैसे किया जा सकता है ;   

    बच्चों के दांत टेड़े-मेढे आने के क्या कारण है ? 

    • बच्चे के दांत और स्थायी दांत दोनों टेढ़े आ सकते है, या वे निकलने के बाद भी टेढ़े हो सकते है। बच्चे के दांत कभी-कभी टेढ़ी स्थिति में चले जाते है, जिसके कई कारणों में लंबे समय तक चलने वाली आदतें, जैसे कि अंगूठा चूसना या खिलौने चबाना जैसी आदतों से बच्चे के दांत बाहर निकलने लगते है और ये टेढ़े-मेढ़े दिखाई देने लगते है।
    • दांतों का टेढ़ापन आनुवंशिकी भी हो सकता है। बच्चे के दांत टेढ़े होने का मतलब यह नहीं है कि आपके बच्चे के स्थायी दांत टेढ़े होंगे। हालांकि, अगर बच्चे के ज्यादातर दांत एक साथ बढ़ते है, तो स्थायी दांतों में भी ये समस्या हो सकती है। यदि मुंह में आघात या दांतों की सड़न के कारण एक या एक से अधिक दांत स्वाभाविक रूप से जल्दी गिर जाते है, तो आने वाले स्थायी दांत सीधे के बजाय मसूड़ों से बाहर निकल सकते है।
    • सही समय पर दूध का दांत न निकलने की वजह से भी बच्चों के दांत टेढ़े-मेढे हो जाते है, वहीं जो बच्चे ज्यादा समय तक बोतल से दूध पीते है, उनके दांत भी टेढ़े-मेढे होते है। 
    • मुँह में पेन्सिल डालने के कारण भी बच्चे के दांत टेढ़े-मेढे निकलते है। 

    यदि आपको दांतों में सड़न की समस्या से जूझना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में रूट कैनाल ट्रीटमेंट का चयन करना चाहिए। 

    दांतों के टेढ़े-पन के अन्य कौन-से कारण है जिम्मेदार ?

    • इसके अन्य कारणों में जबड़े का आकर जोकि बहुत ही ज्यादा मायने रखता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि हमारा विकसित, छोटा जबड़ा भीड़-भाड़ वाले, टेढ़े-मेढ़े और गलत संरेखित दांतों के लिए जिम्मेदार हो सकता है।
    • ख़राब दंत चिकित्सक के कारण भी बच्चों के दांत ख़राब हो सकते है। 
    • खराब पोषण, विशेष रूप से बच्चों में, दांतों की सड़न और खराब दंत विकास का कारण बन सकता है, जो टेढ़े दांतों को भी प्रभावित करता है।

    टेढ़े-मेढ़े दांतों के कारण बच्चों को कौन-सी स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ता है ?

    • बच्चों के टेढ़े दांतों की वजह से अन्य स्वास्थ्य समस्याएं जन्म ले सकती है, जैसे मसूढ़ों की बीमारी। टेढ़े-मेढ़े दांतों के बीच सफाई करना थोड़ा मुश्किल हो सकता है। इससे दांतों में सड़न और मसूड़ों की बीमारी हो सकती है। 
    • टेढ़े-मेढ़े दांत खाने को ठीक से चबाने में बाधा डाल सकते है, जिससे पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती है और खराब पाचन किसी नयी बीमारी का कारण बन सकते है।
    • टेढ़े-मेढ़े दांत भी दांतों, मसूड़ों और जबड़े की मांसपेशियों पर अधिक टूट-फूट का कारण बन सकते है, जिसके परिणामस्वरूप फटे दांत, जबड़े में खिंचाव, टेम्पोरोमैंडिबुलर जॉइंट डिसऑर्डर और पुराने सिरदर्द का कारण हो सकते है। 

    अगर आपके बच्चे को भी इसी तरह की स्वास्थ्य समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में सबसे बेस्ट डेंटिस्ट का चयन करना चाहिए। 

    कैसे दिलाए बच्चे को टेड़े-मेढे दांतों से छुटकारा ?

    • अगर बच्चों के दूध के दांत गिरने के बाद निकलने वाले पक्के दांत भी टेढ़े -मेढ़े है तो, उन्हें ब्रेसेज या तार लगाकर सीधा किया जा सकता है तार टेंपरेरी या परमानेंट दोनों तरह से ही लगाई जा सकती है। और इसके लिए आप डेंटिस्ट की सलाह ले सकती है। स्थाई तौर पर तार लगाने से दातों पर दबाव पड़ता है जिससे दांत सही जगह पर सेट हो जाते हैं और टेढ़े नज़र नहीं आते है।
    • यदि आप बच्चे के दांतों में ऑर्थोडॉन्टिक्स ट्रीटमेंट लेती है, तो ट्रीटमेंट के बाद बच्चे को कुछ भी मीठा जैसे चॉकलेट खाने से रोकें और ठन्डे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचाएं। इससे दांत बहुत जल्द सही आकार में आ जाते है।
    • वैसे तो किसी भी उम्र में टेढ़े दांतो का इलाज करवाया जा सकता है, लेकिन बचपन से ही यदि दातों को टेढ़े होने से बचाया जाए, तो यह एक बेहतर विकल्प होता है। 

    आप चाहें तो बच्चों के दांतों पर ब्रेसेज लगवाने के लिए फॉक्स डेंटल क्लिनिक का भी चयन कर सकते है। 

    दांतों को टेढ़े-पन से बचाने के लिए किन बातों का रखें ध्यान !

    • अगर आपके बच्चे के दांत टेढ़े निकल रहें है, तो उन्हे अंगूठा चूसने से बचाए और समय-समय डॉक्टरी सहायता लेते रहें। 
    • यदि आपके बच्चे को नाक की जगह मुंह से सांस लेने की आदत है तो इस आदत को भी दूर करना जरूरी है, क्योंकि इससे ऊपर वाले दांत बाहर की तरफ निकलने लगते है।
    • अगर आपके बच्चे के दूध वाले दांत समय पर नहीं टूटते है, तो आप तुरंत डेंटिस्ट के पास जाएं और दूध का दांत निकलवा दें। जिससे नीचे से आने वाले नए दांत सही आकार ले सकें।   

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