दांतो के बीच में गैप होना एक आम समस्या है, जिसके कई कारण हो सकते है। यह समस्या बच्चों और बड़ों दोनों में लगभग दिखाई देती है। वहीं इसके बारे में विस्तार से समझने के लिए इस ब्लॉग को अंत तक जरूर पढ़े, ताकि आपको डायस्टेमा (दांतों के बीच गैप) के बारे में विस्तार से जानकारी मिल सकें
दांतों के बीच गैप का आना क्या है ?
- अक्सर आपने देखा होगा की बच्चों और बड़ों के दांतों के बीच में काफी गैप बन जाते है, यानी दो दांतों के बीच में फासला बढ़ जाता है, जो चेहरे की खूबसूरती को बिगाड़ कर रख देता है।
- वहीं दांतों में गैप होने के कई कारण हो सकते है, जैसे मसूड़ों के रोग और बचपन की बुरी आदतें आदि।
- दरअसल, आजकल ओरल हाइजीन पर जागरूकता बढ़ने के साथ, डायस्टेमा (दांतों के बीच मौजूद गैप्स) जैसी दांतों की समस्याओं पर भी प्रमुखता से ध्यान दिया जाने लगा है।
- वहीं डायस्टेमा आपके दांतों के बीच के गैप्स का दूसरा नाम है। तो अगर आप दांतों के बीच गैप को समय पर ठीक कर लेते है तो आपके दांतों के फैलाव को समय पर रोका जा सकता है।
अगर आपके दांतों के बीच में भी गैप आ गया है, तो इससे बचाव के लिए या इसको ठीक कैसे करें, इसके बारे में जानने के लिए आपको लुधियाना में सबसे बेस्ट डेंटिस्ट का चयन करना चाहिए।
दांतों के बीच गैप होने के कौन-से चार कारण है प्रमुख ?
- इसके पहले कारणों में दांतों की असामान्य वृद्धि शामिल है, वहीं जब दांतों के बीच सामान्य वृद्धि में रूकावट आती है और कैनाइन बनने तक एक खालीपन आ जाता है। वहीं ऐसे मामले भी है, जिनमें दांतों की असामान्य स्थिति और आकृति तथा आकारों में अंतर से दांत प्रभावित होते है और धीरे-धीरे एक-दूसरे से दूर होने लगते है।
- मसूड़ों में रोग के कारण भी दांतों में गैप की समस्या हो सकती है, क्योंकि वह दांतों को सहारा देने वाले टिश्यूज और हड्डियों को क्षतिग्रस्त कर देते है। पेरियोडोंटिटिस से दांत ढीले हो सकते है और दांतों के बीच खालीपन आ सकता है। अगर मसूड़ों में रोग के कारण आपको भी काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो इससे बचाव के लिए आपको पंजाब में रूट कैनाल ट्रीटमेंट का चयन करना चाहिए।
- लैबियल फ्रेनम एक टिश्यू है, जो ऊपरी होंठ के भीतर से आगे के दांतों के ऊपर मसूड़े तक जाता है। आपके ऊपरी आगे के दांतों और मसूड़े की रेखा के बीच एक बड़े लैबियल फ्रेनम टिश्यू की मौजूदगी से भी आपके दांतों के बीच खालीपन आ सकता है। डायस्टेमा तब बन सकता है, अगर वहां अतिरिक्त दांत है या बेबी टीथ नहीं गिरे है।
- बचपन में पड़ी कुछ आदतें भी दांतों के बीच खालीपन ला सकती है। आदतों की बात करें, तो अंगूठा या उंगली को चूसना, या ऊपर और नीचे के दांतों के बीच कोई धातु, लकड़ी या किसी अन्य कठोर चीज के टुकड़े को डालना। ऐसी आदतों से दांतों पर अनावश्यक दबाव आ जाता है और उन्हें नुकसान पहुंचता है और वे एक-दूसरे से दूर हो जाते है।
दांतों के गैप का इलाज कैसे किया जा सकता है ?
- बच्चों को उंगली या बाहरी चीजें चूसने से रोकना आगे के दांतों की लाइनिंग पर गैर-जरूरी दबाव पड़ने से बचाने में मदद करना इसमें शामिल है।
- दांतों के बीच गैप को ठीक करने के सबसे आम और स्वीकृत तरीकों में से एक है ब्रेसिज। ब्रेसिज में एप्लीकेटर्स का इस्तेमाल होता है, जैसे ब्रेकेट्स, वायर्स और स्ट्रेंथ बैण्ड्स, जो दांतों को सही ढंग से खिसकाते और बैठाते है।
- अगर मसूड़े के किसी रोग के कारण दांतों के बीच खालीपन आता है, तो डेंटिस्ट से जरूर मिले और उस रोग को जल्दी से जल्दी ठीक करने की तरफ जुट जाए। डेंटिस्ट द्वारा रोग की पहचान के बाद उसे ठीक करने की विधि का निर्णय होगा। अगर मसूड़े का रोग बहुत उन्नत अवस्था में नहीं है, तो डेंटिस्ट कम कठिन उपायों और उपचारों की अनुशंसा कर सकते है।
- फ्लैप सर्जरी से स्केलिंग और रूट की प्लानिंग करना, जिसमें बैक्टीरिया को आपके दांतों और मसूड़ों से हटा दिया जाता है, जबकि रूट प्लानिंग में डेंटिस्ट आपके दांतों की जड़ की सतहों को चिकना कर देते है।
- दांतों की रोगग्रस्त जड़ों पर टिश्यू स्टिम्युलेटिंग जेल्स लगाने से ठीक होने और क्षतिपूर्ति की प्रक्रिया तेज हो जाती है। यह जेल्स प्रभावित एरिया में स्वस्थ हड्डी और टिश्यूज के विकास को बढ़ावा देते है।
- अगर खालीपन का कारण बड़ा फ्रेनम या सिस्ट की मौजूदगी है, तो सर्जरी की जरूरत होगी। सर्जरी के बाद ऑर्थोडोंटिक ट्रीटमेंट बढ़ाया जा सकता है। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि डायस्टेमा को भरने के लिए सर्जरी प्राकृतिक उपचारों से बेहतर होगी।
दांतों के गैप का इलाज आप चाहें, तो फॉक्स डेंटल क्लिनिक से भी कर सकते है।
निष्कर्ष :
दांतों का ठीक रहना बहुत जरूरी है चेहरे की सुंदरता के साथ सेहत का अच्छे से ध्यान रखने के लिए, क्युकि अगर हमारे दांत ठीक होंगे तो हम कुछ भी खा पी सकते है, जिससे हमारा शरीर अच्छे से विकसित होगा, इसलिए जरूरी है की दांतों में गैप के साथ अगर दांतों में अन्य कोई भी समस्या उत्पन्न हो गई है तो इससे खुद का बचाव अच्छे से करें।