header-logo-1

9AM - 2PM • 5PM - 8PM

Sunday - CLOSED

header-logo-2

+91 88724 44200

foxxdentalindia@gmail.com

डेंटल-इम्प्लांट-दांतों-के-लिए-कैसे-सहायक-है





    डेंटल इम्प्लांट (दंत प्रत्यारोपण) की क्या है – सावधानियां, प्रक्रिया और जोखिम ?

    डेंटल इम्प्लांट जोकि डैमेज दांतों या टूटे हुए दांत के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। इस प्रक्रिया की मदद से अगर किसी कारणवश किसी के दांत टूट गए हो तो उसको आसानी से लगाया जा सकता है। तो चलिए जानते है की क्यों इस प्रक्रिया का चयन किया जाता है, और इसका चयन करने से पहले क्या सावधानी बरतनी चाहिए इसके जोखिम क्या हो सकते है साथ ही इसकी प्रक्रिया संबंधित तमाम बातों के बारे में चर्चा करेंगे ;

    डेंटल इम्प्लांट क्या है ?

    • डेंटल इम्प्लांट सर्जरी में दांतों की जड़ों को मेटल स्क्रू पोस्ट से बदलना और लापता दांतों को कृत्रिम दांतों से बदलना शामिल है, जो प्राकृतिक दांतों की तरह दिखते और काम करते है। 
    • दंत प्रत्यारोपण प्रतिस्थापन दांत है, जिन्हें शल्य चिकित्सा द्वारा जबड़े और मुंह में प्रत्यारोपित किया जाता है। जब लोग अपने दांत खो देते है, तो दंत चिकित्सक अक्सर प्रत्यारोपण करते है। 
    • दंत प्रत्यारोपण आपकी मुस्कान और आपके मुंह की संरचना को बनाए रखने में मदद करते है। अधिकांश दंत प्रत्यारोपण प्राकृतिक दांतों की तरह दिखते है, महसूस करते है और कार्य करते है और बहुत ही प्राकृतिक दिखते है। डेंटल इम्प्लांट सर्जरी के दौरान दांत की जड़ को उच्च गुणवत्ता वाली धातु से बदल दिया जाता है। 
    • उच्च गुणवत्ता वाली धातु स्क्रू जैसी पोस्ट जबड़े की हड्डी में डाली जाती है और एक कृत्रिम दांत के लिए एक ठोस नींव के रूप में काम करती है, जिसे ताज के रूप में जाना जाता है। 
    • डेंटल इम्प्लांट की मदद से लाखों लोगों को अपनी मुस्कान सफलता पूर्वक हासिल हुई है।

    डेंटल इम्प्लांट सर्जरी की जरूरत कब होती है ?

    • सर्जरी की जरूरत क्यों और कब होती है, ये जानने से पहले आपको दांतों के बारे में जानना जरूरी है। समय के साथ हमारे दांत कमजोर होकर डैमेज हो जाते है। जिससे दांतों की जड़े टूट जाती है और दांत निकल जाते है। ऐसे में डेंटल इम्प्लांट सर्जरी करना एक विकल्प के रूप में सामने आता है। सर्जरी के द्वारा आपके मसूड़ों में टाइटेनियम का स्क्रयू लगा कर आर्टिफिशियल दांत लगाए जाते है। इसके अलावा डॉक्टर पूरा का पूरा दंत विन्यास भी कई दफा लगाते है।

    वहीं निम्न परिस्थितियों में डेंटल इम्प्लांट सर्जरी करवाना आपके लिए सही हो सकता है, जैसे ;

    • एक या एक से ज्यादा दांतों का न होना। 
    • जबड़ों की हड्डियों के सही विकास के लिए। 
    • नकली दांतों को लगाने में परेशानी होने पर। 
    • अपने बोलने के तरीके को सुधारने के लिए। 
    • मुंह के टिशू को सही या स्वस्थ्य करने के लिए।

    डेंटल इम्प्लांट की प्रक्रिया क्या है ?

    • डेंटल इम्प्लांट कराने के दौरान एक या उससे ज्यादा सर्जरी होती है, इसलिए आपको अपने डेंटिस्ट से मिल कर सर्जरी प्लान करनी चाहिए। सर्जरी से पहले डॉक्टर आपके मुंह, दांतों और जबड़े का एक्स-रे लेते है। इसके बाद आप और डेंटिस्ट मिल कर तय करें कि आपको कितने दांतों की इम्प्लांटेशन को कराना है। उस हिसाब से डेंटिस्ट तय करेंगे कि आपके दांतों के साथ कैसे काम करना है।
    • डॉक्टर को अपनी दवाओं (जो आप पहले से ले रहे हो), सप्लिमेंट, विटामिन, एलर्जी और हेल्थ कंडीशन के बारे में बताएं। इसके साथ ही आप अपने एनेस्थेटिस्ट से भी मिलें और सर्जरी के दौरान बेहोश या सुन्न करने की प्रक्रिया का भी प्लान करें। 
    • साथ में आप अपने डॉक्टर से जान लें कि आपको सर्जरी से पहले क्या खाना-पीना चाहिए। इसके अलावा आप अपने ये भी पूछ लें कि सर्जरी से कितने घंटे पहले से खाना पीना बंद करना है। परिवार के लोगों को भी आप डॉक्टर द्वारा दिए गए निर्देशों के बारे में बता दें।
    • इम्प्लांट प्रक्रिया को शुरू करने से पहले आपके डेंटिस्ट अपनी पूरी टीम को आपके दांतों के इम्प्लांटेशन के बारे में बताते है। साथ ही इम्प्लांट करने के उस तरीके को बताते है, जिससे आपकी सर्जरी में आसानी हो। 
    • इसके बाद आर्टिफिशियल दांत के जड़ को इम्प्लांट किया जाता है। जिसमें डेंटिस्ट टाइटेनियम का बना हुआ स्क्रयू जबड़े की हड्डियों में फिट करते है। नकली या आर्टिफीशियल दांत को क्राउन कहते है। जैसे-जैसे जबड़े की हड्डियों में बने घाव भरते जाते है, वैसे-वैसे दांतों में मजबूती आती जाती है। इस प्रक्रिया को होने में लगभग छह से बारह हफ्ते लगते है।
    • फिर जबड़े में दांत को इम्प्लांट कर के एक छोटा सा कनेक्टर लगाया जाता है, जिसे अबटमेंट कहा जाता है। अबटमेंट के मदद से असली दांत से आर्टिफीशियल दांत को जोड़ा जाता है ताकि दोनों के बीच में गैप न रह जाए। 
    • इस प्रक्रिया को कहने के लिए पहले डॉक्टर आपके दांतों का इम्प्रेशन लेते है। जिसके आधार पर आपका दंत विन्यास बनाया जाता है। जिसे अबटमेंट की मदद से इम्प्लांट किया जाता है। इसके साथ ही डेटिस्ट आर्टिफीशियल दांत के रंग को आपके वास्तविक दांतों के रंग से मिलाते है। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि ये देखने और फंक्शन में आपके असली दांतों की तरह होते है।

    डेंटल इम्प्लांट सर्जरी की प्रक्रिया का चयन आपको लुधियाना में सबसे बेस्ट डेंटिस्ट से करवाना चाहिए।

    जोखिम क्या है डेंटल इम्प्लांट सर्जरी के !

    • डेंटल इम्प्लांट सर्जरी की सफलता जबड़ों की स्थिति पर निर्भर करती है। आमतौर पर 98% डेंटल इम्प्लांट सर्जरी सफल रहती है और ये जीवन भर चलती है। सर्जरी के बाद दांतों का सही से ध्यान रखने पर समस्याएं नहीं होती है। 
    • इसके अलावा डेंटल इम्प्लांट के लिए व्यक्ति के पास स्वस्थ्य जबड़े होने चाहिए। साथ ही दांतों को संभालने के लिए पर्याप्त हड्डी की जरूरत भी होती है। ज्यादा स्मोकिंग करने वाले लोग अनियंत्रित क्रॉनिक डिसऑर्डर के शिकार होते है, जैसे- डायबिटीज और हृदय संबंधी रोग। इसके अलावा अगर आप किसी तरह की रेडिएशन थेरिपी ले रहे है, तो आपको डेंटल इम्प्लांट कराने से पहले डेंटिस्ट से बात करनी चाहिए।
    • ज्यादातर लोगों को इम्प्लांटेशन कराने में थोड़ा असहज महसूस होता है। वहीं, कुछ लोगों को मसूड़ों और जबड़े को सून्न करने के बाद भी हल्का दर्द महसूस होता है।

    अगर आपके दांत किसी कारणवश टूट गए है या उनमे किसी तरह की समस्या आ गई है, तो इससे बचाव के लिए आपको लुधियाना में दंत प्रत्यारोपण सर्जरी का चयन करना चाहिए, लेकिन ध्यान रहें इस सर्जरी को चुनने से पहले इसके जोखिम कारक के बारे में जरूर से जानकारी हासिल करें।

    डेंटल इम्प्लांट के बाद क्या सावधानी बरते ?

    • डेंटल इम्प्लांट के बाद मुंह की सफाई का विशेष ध्यान रखें। जैसे आप अपने प्राकृतिक दांतों की सफाई करते है वैसे ही मसूड़ों और आर्टिफीशियल दांतों को साफ करें। सर्जरी के बाद दांतों को साफ करने के लिए आपको स्पेशल डिजाइन ब्रश का इस्तेमाल करना चाहिए। जो दांतों के बीच में भी सफाई कर सके।
    • डेंटिस्ट से अपने दांतों की जांच लगातार कराते रहें। इससे इम्प्लांटेशन के बाद होने वाले बदलाव आदि के बारे में पता चलेगा।
    • सर्जरी के बाद इम्प्लांट किए गए दांतो से आप कुछ कड़ी चीजें न चबाएं। जैसे- बर्फ या हार्ड कैंडी आदि। ऐसा करने से क्राउन टूट सकता है।
    • सर्जरी के बाद तंबाकू और कैफीन का सेवन करने से बचे।
    • अगर आपको दांत पीसने की आदत है तो आप सर्जरी के समय या बाद में इसका इलाज जरूर कराएं।

    डेंटल इम्प्लांट के दौरान किन महत्वपूर्ण कदमों का ध्यान रखें !

    • यदि क्षतिग्रस्त दांत पहले ही नहीं गिरा है, तो उसे निकालावा दे।
    • आपके जबड़े की हड्डी सर्जरी के लिए तैयार की जाएगी, जिसमें बोन ग्राफ्टिंग शामिल हो सकती है।
    • जबड़े की हड्डी ठीक हो जाने के बाद आपका दंत चिकित्सक इम्प्लांट सामग्री को गमलाइन में डाल देगा।
    • आपका दंत चिकित्सक जबड़े के ठीक होने की प्रतीक्षा करेगा। आपका दंत चिकित्सक तब कृत्रिम दांत को एबटमेंट से जोड़ देगा, जो इम्प्लांट में खराब हो जाते है।

    डेंटल इम्प्लांट के लिए बेस्ट क्लिनिक !

    अगर आप अपने दांतों का प्रत्यारोपण करवाने के बारे में सोच रहीं है तो इसके लिए आपको फॉक्स डेंटल क्लिनिक का चयन करना चाहिए। वहीं इस क्लिनिक में आधुनिक उपकरण की मदद से मरीज़ के दांतों का इलाज अच्छे से किया जाता है। वहीं इस क्लिनिक की खास बात ये है की यहाँ पर जितने भी डेंटिस्ट है उनका अनुभव काफो सालों का है। और साथ ही इन डेंटिस्ट के द्वारा काफी किफायती दाम में मरीज़ का इलाज किया जाता है। 

    निष्कर्ष :

    डेंटल इम्प्लांट करवाते वक़्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए, इसके बारे में हम उपरोक्त्त बता चुके है, इसलिए अगर आप टूटे दांत या दांतों से जुडी समस्या का सामना कर रहें है, तो इससे बचाव के लिए आपको अनुभवी डेंटिस्ट का चयन करना चाहिए।

    Related Posts

    Best Dental clinic in Ludhiana

    Best and Affordable clinic in ludhiana

    Dental care which basically means maintaining healthy care of your teeths. Good teeths represent a pleasing smile and bring confidence in you. Considering how hard

    Dental Clinic in Ludhiana

    A Teen’s Guide to Conquering Tooth Cavities

    Tooth cavities are like stealthy invaders, but fear not! Our trusted dental clinic is the superhero headquarters for healthy smiles. These tiny troublemakers thrive on